Sunday, March 13, 2011

A Walk in the Clouds



बदल के भीगे नयन
खेत खलिहान देख मुसकाय
हरित नृत्य करें वृक्षें
कुमुद कमल खिल खिल जाये


जब कभी मैं इन बादलों को इन घटाओं को देखूं तो yahi ख्याल अता है की क्या मैं इन वाड़ों में खो jaoon  या तुम्हारी जुल्फों में

इन ghataon से टपकते ठन्डे पानी में भीग जाऊं
या तुम्हारे कोमल स्पर्श को महसूस करून


इन पहाड़ों से उतारते टेढ़े मेढ़े रास्तों पर चलूँ
या तुम्हे अपने बाँहों में liye इन वादियों में खो jaoon




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